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कंप्यूटर क्या है - What is Computer

दोस्तों  आज  के  समय  में  कंप्यूटर  का  इस्तिमाल  हम  सभी  करते  है  परन्तु  कंप्यूटर  के  बारे  में  कुछ  लोगो  को  पता  होता  है  यदि  आप  के  कंप्यूटर  के  स्टूडेंट  तो  इस  पोस्ट  को  पूरा  जरूर  पढियेगा  क्योंकी  इसमें  मै  आपको  कंप्यूटर  के  बारे  में  बहुत  विस्तार  रूप  से  बताऊँगा  जो  आपके  परीक्षाओ  में  या  नोट्स  में  बहुत  मदद  करेगा।  अगर  आप  कंप्यूटर  के  स्टूडेंट  नहीं  है  तो  भी  इस  पोस्ट  को  जरूर  पढियेगा  क्योंकी  ज्ञान  कभी  बेकार  नहीं  जाता।  

Topics  (टॉपिक) 

कंप्यूटर  क्या  है ?

कंप्यूटर  का  विकास ?

कंप्यूटर  के  प्रकार ? 

कंप्यूटर  की  भाषाएँ ?

कंप्यूटर  के  भाग ?

कंप्यूटर  नेटवर्किंग ?

Conclusion 

कंप्यूटर क्या है -  What  is  Computer

 

कंप्यूटर  क्या  है  (What  is  Computer)

कंप्यूटर  (Computer)  शब्द  की  उत्पत्ति  अंग्रेजी  भाषा  के  कम्प्यूट  (Comput)  शब्द  से  हुई  है,  जिसका  अर्थ  है  ' गणना  करना '  प्रारंभ  में  कंप्यूटर  का  प्रयोग  गणनात्मक  कार्यो  के  लिए  किया  जाता  था  लेकिन  अब  इसका  प्रयोग  विभिन  छेत्रों  में  किया  जाता  है।  अतः  कंप्यूटर  एक  ऐसा  इलेक्ट्रॉनिक  युक्ति  (Electronic  Device)  है  जो  दिए  गए  instructions  के  आधार  पर  सुचना  प्रदान  करता  है  जिसको  हम  प्रोग्राम  भी  कहते  है।  कंप्यूटर  एक  केवल  कैलकुलेटर  ही  बल्कि  यह  गणितीय  तथा  अगणितीय  सभी  प्रकार  के  सूचनाओं  को  संसाधित  करने  वाला  उपकरण  है।      


कंप्यूटर  का  विकास  (Development  of  Computer)

• 1642  ई०  में  Blaise  Pascal  ने  विश्व  का  पहला  Mechanical  Calculator  बनाया  है  जिसे  हम  पास्कलीन (Pascalene)  भी  कहते  है। 

• 1833  ई०  में  अंग्रेजी  वैज्ञानिक  चार्ल्स  बैबेज  (Charles Babbage) स्वचालित  कैलकुलेटर  अर्थात  कंप्यूटर  की  पहली  बार  परिकल्पना  की,  40  वर्ष  के  अथक  परिश्रम  के  बावजूद  वे  इसे  बना  न  सके।  इन्हे  आधुनिक  कंप्यूटर  का  जन्मदाता  (Father  of  Modern  Computer)  कहा  जाता  है।  सर्वप्रथम  कंप्यूटर  प्रोग्राम  तैयार करने  का  श्रेय  उनकी  शिष्य  Ada Augsta  को  जाता  है।  

⇨  कंप्यूटर  वायरस  क्या  है ?

⇨ कंप्यूटर  का  स्पीड  कैसे  बढ़ाये ?


• 1980  ई०  में  हर्मन  होलोरिथ   ने  चार्ल्स  बैबेज  की   परिकल्पना  को  साकार  किया।  उन्होंने  एक  इलेक्ट्रॉनिक  टेबुलेटिंग  मशीन  बनाई,  जो  Punch  Cards  की  मदद   से  सारा  कार्य  स्वचालित  रूप  से  करता  था।   हर्मन  होलोरिथ  द्वारा  पंच  कार्ड   के  आविष्कार  ने  कंप्यूटर  के  विकास  में  बहुत  बड़ा  योगदान  दिया।  यही  पंच  कार्ड  आज  भी   कंप्यूटर  में  प्रयोग  किया  जाता  है। 


• 1937  में  होवोर्ड  ऐकीन   ने  पहला यांत्रिक  कंप्यूटर  (Mechanical  Computer)  बनाया। 

दूसरे  विश्व  युद्ध  के  दौरान  कंप्यूटर  विज्ञानं  के  छेत्र  में  तेजी  से विकास  हुआ  और  तीसरे  विश्व  युद्ध  के  उपरांत  आधुनिक  कंप्यूटर  के  सभी  प्रमुख  सिद्धांतो  का  विकास  हुआ। 


गणना  मशीन  के  छेत्र  में  प्रथम  क्रान्ति  1946  में  तब  आई   जब  जे०  पी०   एकर्ट   और  जॉन  माश्ली   ने  विश्व  के  पहले  इलेक्ट्रॉनिक  कंप्यूटर  ENIAC- Ⅰ  (Electronic  Descrete  Variable  Automatic  Computer)  का  अविष्कार  किया।  इसमें  स्विच  के  रूप  में  vacuum  tubes  का  उपयोग  किया  गया  था। 


कंप्यूटर  के  विकास  में  सर्वाधिक  योगदान  जॉन  वान  न्यूमैन   का  है।  इन्होने  1951  में  कंप्यूटर  क्रांति  को  सही  दिशा  दी।  उन्होंने  EDVAC  (Electronic  Numerical  Integrator  And  Calculator)  का  अविष्कार  किया। इसमें  इन्होने  store program  का  इस्तिमाल  किया।  कंप्यूटर   के  कार्य  के  लिए  binary  system  के  प्रयोग  का  श्रेय  भी  इन्ही  को  जाता  है। 


कंप्यूटर  के  प्रकार  (Types of Computer)

कंप्यूटर  चार  प्रकार  के  होते  है -

1  मिक्रो  कम्प्युटर  (Miro  Computer)

ये  एक  ही  व्यक्ति  द्वारा  उपयोग  किया  जाता  है  जिसके  कारण  इस  प्रकार  के  कंप्यूटरो  को  व्यक्तिगत  कंप्यूटर  (Personal  Computer)  या  PC  के  नाम  से  बुलाते  है।  ये  एक  छोटी  टेबल  पर  भी  आ  सकते  है। इस  प्रकार  के  कंप्यूटर  को  ऑफिस,  घरो  और  व्यवसायों  में  प्रयोग  किया  जाता  है।  


2  मिनी  कंप्यूटर (Mini  Computer)

इस  प्रकार  के  कंप्यूटर  आकार  तथा  कार्यछमता  कार्यक्षमता  की  दृस्टि  से  छोटे  है।  इन  प्रकार  के  कंप्यूटरो  एक  साथ  बीस - तीस  टर्मिनल  कार्य  किया  जा  सकता  है।  यह  मिक्रो  कम्प्युटर  से  लगभग  5  से  50  गुना  बड़ा  होता  है। 


3  मेन  फ्रेम  कंप्यूटर (Main  Frame  Computer)

ये  कंप्यूटर  बड़े  आकार  के  होते  है  और  इनका  डिज़ाइन  स्टील  के  फ्रेम  में  लगाकर  किया  जाता  है।  इस  कंप्यूटर  की  मेमोरी   मिनी  कंप्यूटर  से  अधिक  होती  है। इस  प्रकार  के  कंप्यूटर  पर  समय  सहभागिता  (Time  Sharing)  तथा  बहुकार्य  (Multi  tasking)  के  द्वारा  एक  साथ  अनेक  व्यक्ति,  कभी - कभी  100  से  अधिक  व्यक्ति  अलग - अलग  टर्मिनलो  पर  कार्य  कर  सकते  है।  

 

4  सुपर  कम्प्युटर  (Super  Computer)

सुपर  कंप्यूटर   बहुत  अधिक  शक्तिशाली  होते  है।  ये  अत्यंत  जटिल  संक्रियाओं  को  भी  बहुत  तेज  गति  से  करते  है।  इनकी  संग्रहण  क्षमता  भी  अधिक  होती  है।   सुपर  कंप्यूटर  अभी  तक  सबसे  तेज  कार्य  करने  वाला  और  सबसे  महंगा  कंप्यूटर  है। 


5  क्वांटम कंप्यूटर  (Quantum  Computer)

कम्पूटरो  के  उपर्युक्त  प्रकारो  के  अतिरिक्त  क्वांटम  कंप्यूटर  विकास  की  अंतिम  अवस्था  में  है। यह  सुपर  कंप्यूटर  से  भी  अधिक  कठिन - कठिन  कार्यो  को  सेकण्ड  में  हल  करने  में  सक्षम  होगा।  क्वांटम  कंप्यूटर  में  Binary  Bits  के  स्थान  पर  Q - Bit  का  प्रयोग  किया  जायेगा  जो  0  और  1  का  अध्यारोपण  है। 


कंप्यूटर  के  भाग  (Parts  Of  Computer)

कंप्यूटर  के  दो  भाग  होते  है  

[A]  मूल  भाग  (Basic  Parts)

कंप्यूटर  यूनिट  :  पर्सनल  कंप्यूटर  की  सभी  क्रियाओ  को  सिस्टम  यूनिट  ही  नियंत्रित  और  लागु  करता  है।  इस  यूनिट  के  पिछले  भाग  में  लगे  हुए  केबल  के  जरिये  से  कीबोर्ड,  माउस,  मॉनिटर,  प्रिंटर  आदि  का  संबंध  स्थापित  किया  जाता  है।  हार्ड  डिस्क  तथा  फ्लॉपी  डिस्क  भी  इसी  यूनिट  के  अंदर  होता  है।  

[B]  बैकलिपक  भाग  (Optional  Parts)

माउस  (Mouse) :  माउस  हाथ  में  पकड़ा  जाने  वाला  एक  ऐसा  साधन  है  जिसके  द्वारा  कीबोर्ड  का  इस्तिमाल  किये  बिना  कंप्यूटर  का  नियंत्रण  किया  जाता  है। 

प्रिन्टर (Printer) :  प्रिंटर  एक  ऐसा  सांधन  है  जिसके  द्वारा  किसी  भी  डॉक्यूमेंट  का  डुप्लीकेट  कॉपी  निकाल  सकते  है। 

 

कंप्यूटर  की  भाषाएँ  (Languages  Of  Computer) 

1  मशीन  कोड  लैंग्वेज  (Machine  Code  Language)

इस  भाषा  में  प्रत्येक  आदेश  के  दो  भाग  होते  है -  आदेश  कोड  (Operation  Code)  और  स्थित  कोड (Location  Code)  इस  दोनों  को  0  और  1  क्रम  में  समूहित  कर  व्यत्क  किया  जाता  है।  कंप्यूटर  के  आरंभिक  दिनों  में  प्रोग्रामरो  द्वारा  कंप्यूटर   को  आदेश  देने  के  लिए  0  और  1  के  विभिन  क्रमो  का  ही  प्रयोग  किया  जाता  था।  यह  भाषा  समायग्राही  थी  जिसके  कारण  एसेम्बली   एवं  उच्च  भाषाओ  का  प्रयोग  किया  जाने  लगा।  

2  एसेम्बली   लैंग्वेज  (Assembly  Language)

इस  भाषा  में  याद  रखे  जाने  लायक  कोड  का  प्रयोग  किया  गया  है,  जिसे  Mnemonic  Code   कहा  गया  है।  इन  भाषाओ  को  निम्म  स्तरीय  भाषा  (Low  Level  Language)  कहा  गया  है। 

3  उच्चस्तरीय  भाषा  (High  Level  Language)

उच्चस्तरीय  भाषा   के  विकास  का  श्रेय  IBM  कंपनी  को  जाता  है   IBM  ने  सबसे  पहले   FORTRAN   नामक  उच्चस्तरीय  भाषा  का  बनाया।   इसके  बाद   सैकड़ो  उच्चस्तरीय  भाषा  का  विकाश  हुआ।  ये  भाषाएँ  मनुष्य   के  बोलचाल  और   लिखने  में  प्रयुक्त   होनी  वाली  भाषाओ  के  काफी  करीब  है।   


कंप्यूटर   नेटवर्किंग  (Computer  Networking) 

कंप्यूटर   का  अधिक  उपयोगी  होने  के  कारण   कम  समय  में  ही  तकनीक  काफी  प्रचलित  हो  गयी  है।  कंप्यूटर  तथा  दूरसंचार  तकनीकों  के  मिलन  से  इस  विधि  का  जन्म  हुआ  है।  नेटवर्किंग  3  प्रकार  होते  है -


(i)  LAN  (Local  Area  Networking)
इसके  द्वारा  हम  छोटे -  छोटे  छेत्र  में  कंप्यूटर  के  आपस  में  कनेक्ट  कर  सकते  है  जैसे  विद्यालय, ऑफिस  आदि। 

(ii)  MAN (Metropolitan  Area  Network)
इसके  द्वारा  हम  एक  शहर  से  दूसरे  शहर  तक  कनेक्ट  कर  सकते  है। 

(ii)  WAN (Wide  Area  Network)

इसके  द्वारा  हम  एक  देश  से  दूसरे  देश  तक  कनेक्ट  कर  सकते  है। 

Conclusion 

दोस्तों  मै  आशा  करता  हु  की  आपको  कंप्यूटर  क्या  है  और  उससे  जुड़े  जानकारी  बहुत  अच्छी  लगी  होगी।  यदि  आपको  कोई  टॉपिक  समझने  में  प्रॉब्लम  हुई  है  तो  निचे  दिए  गए  कमेंट  बॉक्स  में  जरूर  पूछिए  मै  आपको  उसका  उत्तर  जरूर  दूँगा।  अगर  आपको  ये  जानकारी  अच्छी  लगी  है  तो  उसे  शेयर  जरूर  करियेगा। 

             *******ध्यनवाद *******






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